मुजफ्फर हुसैन / अनुवाद - सिद्धराम भै. पाटील
इन तस्वीरों को शब्दों की जरूरत नहीं है। ये अपना संदेश स्वयं ही स्पष्ट करती हैं। देखिए रामलीला मैदान से ये बोलती तस्वीरें...
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